नई दिल्ली/ दीक्षा शर्मा। दक्षिण भारत के केरल राज्य से एक बेहद शर्मनाक पशु क्रूरता की घटना सामने आई है. यह घटना मानवता पर कई सवाल खड़े करती है. गर्भवती हथिनी को धोखे से अनानास में पटाखे रख कर खिला दिया गया, जो उसके मुँह में ही फट गए. अत्यंत पीड़ा और असहनीय दर्द के कारण गर्भवती मादा हाथी नदी के पानी में जाकर खड़ी हो गई और वहीं उसकी मौत हो गई. ये घटना मल्लपुरम के पलक्कड़ की है. पीड़िता हथिनी ‘साइलेंट वैली नेशनल पार्क’ की थी, जिसे कुछ स्थानीय असामाजिक तत्वों ने मार डाला. कहा जा रहा है कि कुछ शरारती तत्वों ने गर्भवती हथिनी को विस्फोट भरा अनानास खिल दिया.
क्या है पूरा मामला (तिरुवनंतपुरम)
दरअसल,मामला मलप्पुरम जिले की है. यह हथिनी भूखी थी. गर्भवती भूखी हथिनी भोजन की तलाश में जंगल के बाहर आ गई. वह गांव में भटक गई थी. किसी भी इंसान ने वहां अपनी इंसानियत नहीं दिखाई. उसके विपरीत कुछ स्थानीय लोगों ने उसके साथ शरारत की और उसे अनानास में पटाखे भरकर खिला दिया. उसके बाद वह वेल्लियार नदी तक गई और पानी में खड़ी हो गई. फोटो में देखा जा सकता है कि हथिनी काफी देर तक मुंह और सूंड को पानी में डुबोकर खड़ी रही ताकि उसे असहनीय दर्द से कुछ राहत मिल सके. फॉरेस्ट अधिकारी का कहना है कि गर्भवती हथिनी ने ऐसा इसलिए किया होगा ताकि उसके घाव पर मक्खी ना लगे. फॉरेस्ट अधिकारी ने बताया कि हथिनी को पानी से निकालने के लिए उन्होंने दो हाथियों की मदद ली लेकिन मुझे लगता है कि उसे कुछ अंदाजा हो गया था इसलिए उसने हमें कुछ भी करने की अनुमति नहीं दी. घंटों तक राहत और बचाव कार्य किया गया लेकिन 27 मई को शाम 4 बजे हथिनी ने नदी में खड़े-खड़े दम तोड़ दिया. जब उसको अस्पताल के जाता गया पता चला कि वह गर्भ से थी.
भलाई से भरी हुई थी वो
फॉरेस्ट अधिकारी कृष्णन के फेसबुक पर दी गई इस जानकारी के बाद से लोगों में काफी आक्रोश है. लोग इस क्रूरता के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं. फॉरेस्ट अधिकारी कृष्णन ने फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि उस भूखी गर्भवती हथिनी ने हर किसी पर भरोसा किया, लेकिन जब वो अनानास उसके मुंह में फट गया तो वह दंग रह गई. उस वक्त वह अपने बारे में नहीं सोच रही होगी बल्कि वह अपने 18-20 महीने के बच्चे के बारे में सोच रही होगी जो उसके गर्भ में था. इस भूखी गर्भवती हथिनी ने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया, जबकि वह बहुत दर्द में थी. उसने फिर भी किसी का घर नहीं तोड़ा, इसलिए कहता हूं कि दैवीय हथिनी थी.
ज़ख्म से भरी मादा हाथी
अधिकारियों ने बताया कि पटाखे उसके मुंह में फट गए जिससे मुंह और जीभ बुरी तरह से जख्मी हो गए. दर्द के कारण वह कुछ खा नहीं पा रही थी. उसके पेट में पल रहे बच्चे को भी कुछ नहीं मिल पा रहा था. उसने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया.
बच्चे के लिए थी परेशान
उसे खाने के बाद हथिनी बुरी तरह घायल हो चुकी थी. सूचना के बाद पहुंची रेस्क्यू टीम हथिनी को लेकर आई. हालांकि कुछ देर बाद ही हथिनी ने दम तोड़ दिया. रेस्क्यू टीम का हिस्सा रहे वन अधिकारी मोहन कृष्णन ने फेसबुक पर लिखा, ‘उसने सभी पर भरोसा किया. जब वह अनानास खा गई और कुछ देर बाद उसके पेट में यह फट गया तो वह परेशान हो गई. हथिनी अपने लिए नहीं बल्कि उसके पेट में पल रहे बच्चे के लिए परेशान हुई होगी, जिसे वह अगले 18 से 20 महीने में जन्म देने वाली थी. इतनी दर्द में होने के बाद भी उसने किसी स्थानीय लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाया.
अमित संस्कार
उसकी मृत्यु के बाद उस हथिनी को ट्रैक में जंगल के जाया गया, जहां अधिकारी ने उसका बेहद सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया. फॉरेस्ट अधिकारी ने बताया कि उस हथिनी को हमने वो विदाई दी जिसकी वह हकदार थी. हमने उसे बेहद सम्मान के साथ विदा किया है. एक जानवर ने जाते जाते फिर से इंसानियत का पाठ सीखा दिया.