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उत्तराखंड का एक ऐसा मंदिर जहां भक्तों का प्रवेश वर्जित है, पुजारी भी नहीं करते दर्शन

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नई दिल्ली/ दीक्षा शर्मा। हमारे देश में कई अनोखे और चमत्कार से भरे हुए मंदिर हैं, जो अपने अंदर कई रहस्य को समेटे हुए हैं. आमतौर पर किसी मंदिर की स्थापना श्रदालुओं की पूजा – अर्चना के लिए की जाती है, लेकिन भारतीय संस्कृति में ऐसा भी एक मंदिर है जहां महिला हो या पुरुष किसी को भी प्रवेश के लिए अनुमति नहीं है. इतना ही नहीं उत्तराखंड के इस मंदिर में पुजारी को भगवान के दर्शन की इजाज़त नहीं है. यह एक ऐसा मंदिर है जहां भक्त मंदिर आते तो है, लेकिन दर्शन नहीं कर सकते. उन्हें भगवान को देखने की अनुमति नहीं होती.


आपको बता दें कि चमोली जिले में देवाल ब्लॉक में वांण नामक स्थान पर मौजूद यह देवस्थल लाटू मंदिर नाम से जाना जाता है. मान्यताओं के अनुसान लाटू देवता नंदा देवी के धर्म भाई हैं. वांण गांव 12 साल बाद होने वाली उत्तराखंड की सबसे लंबी पैदल यात्रा श्रीनंदा देवी की राज जात यात्रा का बारहवां पड़ाव है.

माह में एक बार खुलते हैं कपाट

आपको जान कर हैरानी होगी कि ​इस मंदिर के कपाट साल में एक ही दिन वैशाख माह की पूर्णिमा को खुलते हैं और पुजारी की भी दर्शन करने की अनुमति नहीं है इसलिए वह आंख-मुंह पर पट्टी बांधकर कपाट खोलते हैं. श्रद्धालु और भक्त दिन भर दूर से ही लाटू देवता का दर्शन कर मनोकामना मांगते हैं. इस दिन यहां एक विशाल मेला लगता है.

भक्तों के प्रवेश में प्रतिबंध लगा है

स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां किसी भी भक्त के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा हुआ है. अगर श्रद्धालु को पूजा अर्चना करनी है तो वह मंदिर परिसर से लगभग 75 फीट की दूरी पर रहकर पूजन करते हैं. मान्यता है कि पुजारी के अलावा यहां कोई नहीं आता और सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस मंदिर में पुजारी भी आंखों पर पट्टी बांध कर कपाट खोलते हैं.

आखि़र क्यों है प्रवेश पर प्रतिबंध

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि इस मंदिर में नागराज अपनी अद्भुत मणि के साथ रहते हैं. जिसे देखना आम लोगों के वश की बात नहीं है. पुजारी भी नागराज के महान रूप को देखकर डर न जाएं इसलिए वे अपने आंख पर पट्टी बांधते हैं. यह भी मानना है कि मणि की तेज रौशनी इंसान को अंधा बना देती है. न तो पुजारी के मुंह की गंध तक देवता तक और न ही नागराज की विषैली गंध पुजारी के नाक तक पहुंचनी चाए. इसलिए वे नाक-मुंह पर पट्टी लगाते हैं. मान्यताओं के अनुसार लाटू देवता मंदिर के अंदर नाग और नागराज मणि के दृश्य को आजतक कोई नहीं देख पाया है. यह मंदिर आजतक रहस्य बना हुआ है.

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