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कोरोना के बाद अब लू से परेशान, इस गर्मी लू से ऐसे करें बचाव

नई दिल्ली/दीक्षा कुलश्रेष्ठ। पूरे भारतवर्ष में कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रहा है और वहीं कुछ दिनों से मौसम के इस तापमान में काफी बदलाव देखने को मिल रहें हैं उत्तर प्रदेश के इलाकों में तापमान काफी बढ़ गया है. जिसके चलते मौसम विभाग (आईएमडी) के द्वारा चेतावनी जारी करते हुए दिल्ली, हरियाणा ,पंजाब, चंडीगढ़ और राजस्थान जैसे कई इलाकों में दो दिन के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. वहीं उत्तर प्रदेश में बढ़ती गर्मी को देखते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, और साथ ही साथ इस बीच भारी बारिश होने की संभावना जताई है और यह भी बताया की गर्मी के इस मौसम में लू (Summer heat) को लकर पहली बार रेड अलर्ट जारी किया गया है.

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किन स्थितियों में पैदा होती है लू

लू (Summer heat) की स्थिति उस वक्त पैदा होती है जब अधिकतम तापमान कम से कम 40 डिग्री तक हो और यह सामान्य तापमान से 4.5 डिग्री से 6.4 ज्यादा हो तो उस स्थिति को लू कहा जाता है वहीं जब मैदानी इलाकों में वास्तविक अधिकतम तापमान 45 डिग्री पहुंच जाता है तब उन इलाकों में लू के हालात पैदा होते है और वहीं तापमान 47 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच जाता है तो स्थिति और गभीर होने की संभावना रहती है

लू के कछु खास लक्षण

लू (Summer heat) के कुछ खास लक्षण जिसमें व्यक्ति को उल्टी आना, सिर दर्द, शरीर का टूटना, बुखार आना, बेहोशी की स्थिति होना, मुंह का सूखना और कमजोरी जैसे लक्षण हैं लू के लक्षण है

लू से ठीक होने के लिए करें ये उपाय

जिसको लू (Summer heat) के लक्षण हो तो उस व्यक्ति को सबसे पहले पानी पिलाएं और फिर शरीर पर ठंडा कपड़ा रखें जिससे शरीर का तापमान कम हो जाएगा पानी में नमक चीनी का घोल पिलाते रहें, ढीले कपड़े पहनाएं फिर उसके बाद छायादार जगह पर उस व्यक्ति को बैठा दें और अगर स्थिति ज्यादा गंभीर हो तो डॉक्टर से बात करें.

लू से कैसे बचा जाए

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लू के लगने से क्या होता है शरीर में

जब कोई व्यक्ति लू (Summer heat) से प्रभावित हो जाता तो उस व्यक्ति को बहुत सी परेशनियां हो सकती है, जैसे कि मसल्स में खिंचाव होने लगता है और शरीर में गर्मी के साथ ही खुश्की और थकावट महसूस होने लगती है प्यास भी काफी बढ़ जाती है ज्यादा गंभीर स्थिति होने के कारण शरीर का तापमान काफी बढ़ जाता है जिसके कारण लीवर और किडनी में सोडियम पोटेशियम का स्तर बिगड़ सकता है वहीं लो बीपी की समस्या के साथ ही ब्रेन या फिर हार्ट स्ट्रोक भी हो सकता है.

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