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UNSC की बैठक में US और UK ने हांगकांग की सुरक्षा कानून पर गहरी चिंता जताई।

नई दिल्ली/आर्ची तिवारी। शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक हुई, जिसमें यूनाइटेड किंगडम (UK) और अमेरिका (US) ने चीन की व्यवस्था पर सवाल उठाए। दरअसल, गुरुवार को चीन की पार्लियामेंट ( Parliament) ने हांगकांग में एक नया ” राष्ट्रीय सुरक्षा कानून ” ( National security Law) प्रस्ताव को पारित किया है। अमेरिका, यूके, कनाडा और आस्ट्रेलिया ने एक साथ इस कानून पर गहरी आपत्ति जताई है। और चीन को आड़े हाथों ले लिया है, उनके अनुसार यह कदम ” एक देश, दो प्रणाली ” (one country, two system) का ढांचा दर्शा रहा है तथा अंतराष्ट्रीय दायित्वों और कानूनन बाध्यकारी के हिसाब से चीन इसका विरोध कर रहा हैै।

अमेरिका पड़ा भारी

चीन के बार बार विरोध करने के बाद भी यह मुद्दा 15 सदस्यी सुरक्षा परिषद में उठाया गया, हालांकि चीन इसका प्रबल विरोध कर रहा था लेकिन चीन की एक न चली, विरोध करने को लेकर चीन का तर्क था कि हांगकांग चीन का आंतरिक मामला है. सुरक्षा परिषद के सदस्यों की इस पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक अनौपचारिक चर्चा हुई. लेकिन चीन के विरोध की वजह से इस पर खुली चर्चा नहीं हो पाई. लेकिन यह क़ानून ख़त्म करने को लेकर अब चीन पर चौतरफा दबाव पड़ रहा है.

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बैठक के दौरान हुई बातचीत

यूएन के ‘कैली क्राफ्ट’ ने पूछा कि क्या हम सच में मानवाधिकारों की रक्षा करने के लिए अच्छे कदम उठा रहे हैं? क्या हम हांगकांग में रहने वाले करोड़ों लोगों के जीवन
अधिकारों की रक्षा कर रहे हैं या फिर हम चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी को अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लघंन करने की छूट देकर और हांगकांग के नागरिकों के साथ होने वाले जोर जबरदस्ती को बढ़ावा दे रहे हैं?
वहीं अमेरिकी दूत ‘ जोनाथन एलेन ‘ ने काउंसिल की चर्चा में अपनी बात जोड़ते हुए कहा कि हमको हांगकांग में हो रहे इस बंटवारे पर अत्यंत गंभीरता से विचार करना चाहिए और इस विषय पर चिंता करनी चाहिए।
दूसरी ओर काउंसिल की चर्चा में चीन और रूस ने अमेरिका को झाड़ते हुए आरोप लगाया कि वाशिंगटन में निहत्थे अफ्रिकन नागरिकों को क्यों मारा गया।
चीनी दूत ‘जैंग जूंग’ ने अमेरिका और यूके से कहा कि ये चीन का आंतरिक मामला है इसमें इन देशों अपने काम से काम रखें।

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इस तरह चीन लगातार ऐसे कार्यों से दुनिया भर की नजरों में गिरता जा रहा है।

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