नई दिल्ली/आशीष भट्ट। अयोध्या में 5 अगस्त को भूमि पूजन होना है, लेकिन इससे पहले मंदिर के गर्भ गृह की 2000 हज़ार फीट नीचे टाइम कैप्सूल रखा जाएगा. इस कैप्सूल के अंदर मंदिर का पूरा इतिहास, भूगोल, सारी जानकारियां दर्ज होंगी.
जो आने वाले कई सालों तक जमीन के कई सालों तक जमीन की अंदर सुरक्षित रहेंगी. इस कैप्सूल को रखने का उद्देश्य यह होगा कि आने वाले सालों में मंदिर को लेकर कोई विवाद न रहे. और लोगों को मंदिर का इतिहास पता रहे.
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राम जन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट क्षेत्र के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने इसकी जानकारी दी है, 5 अगस्त को पीएम मोदी अयोध्या जाकर राममंदिर का भूमि पूजन करेंगे. ऐसे में उम्मीद है कि यह कैप्सूल भी पीएम मोदी के हाथों ही रखा जाए.
क्या होता है टाइम कैप्सूल
टाइम कैप्सूल एक कंटेनर की तरह होता है. जिसे ऐसे धातु से बनाया जाता है जो हर मौसम में टीका रहे खराब न हो. यह किसी भी तापमान में रह सकता है. टाइम कैप्सूल को ऐतिहासिक स्थलों या स्मारकों की नींव में काफी गहराई में दफनाया जाता है. लेकिन इसकी खास बात यह होती है कि काफी गहराई में होने के बावजूद भी हजारों साल तक न तो उसको कोई नुकसान पहुंचता है और न ही वह सड़ता-गलता है. टाइम कैप्सूल के जरिए उस ऐतिहासिक स्थल या स्मारक की भविष्य में पहचान साबित करना आसान होता है. यह एक तरह के दस्तावेज का कार्य करता है जो मौजूदा पीढ़ी आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखकर जाती है.
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