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पतंजलि की दवा कोरोनिल के विज्ञापन पर सरकार ने लगाई रोक

नई दिल्ली/आशीष भट्ट। बीते दिन मंगलवार को योग गुरू बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने हरिद्वार से कोरोना को ठीक करने वाले दावे के साथ के साथ एक दवाई लांच की. कोरोना को ठीक करने के दावे वाली इस दवा का नाम कोरोनिल है बाबा रामदेव ने ये दावा किया है कि ये दवाई कोरोना को हराने में कारगार है रामदेव ने इसकी गारंटी भी दी. लेकिन अब आयुष मंत्रालय ने इस दवाई के प्रचार-प्रसार पर रोक लगा दी है. सरकार ने इस दवा को लेकर किए जा रहे दावों की जांच करने का फैसला किया है. आपको बता दें आयुष मंत्रालय ने पतंजलि को चेतावनी भी दी है कि ठोस वैज्ञानिक सबूतों के बिना कोरोना के इलाज का दावे के साथ दवा का प्रचार-प्रचार किया गया तो उसे आपत्तिजनक विज्ञापन कानून के तहत एक अपराध माना जाएगा.

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पूरा मामला क्या है

जैसे ही मंगलवार को बाबा रामदेव ने कोरोना को सात दिन में पूरी तरह ठीक करने के दावे के साथ दवा को लांच किया, तब आयुष मंत्रालय ने इस पर तुरंत संज्ञान लिया इसके बाद आयुष मंत्रालय ने तत्काल प्रभाव से पतंजलि को इस दवा के प्रचार-प्रसार के विज्ञापनों पर रोक लगाने को कहा. मंत्रालय ने साफ किया कि यदि इसके बाद दवा का विज्ञापन जारी रहा, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है.

मंत्रालय ने साफ तौर पर कहा कि पतंजलि को यह भी बताना होगा कि इस दवा का ट्रायल किन-किन अस्पतालों में और कितने मरीजों पर किया गया. ट्रायल शुरू करने के क्लीनिकल ट्रायल रजिस्ट्री ऑफ इंडिया (सीटीआरआइ) में दवा का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है. पतंजलि से सीटीआरआइ के रजिस्ट्रेशन की भी जानकारी देने को कहा है.

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आचार्य बालकृष्ण ने क्या कहा

पतंजलि की दवा के विज्ञापन पर रोक लगाने के मामले पर आचार्य बालकृष्ण का बयान भी सामने आया है, बालकृष्ण ने ट्वीट कर लिखा है, यह सरकार आयुर्वेद को प्रोत्साहन व गौरव देने वाली है जो communication gap था वह दूर हो गया है व Randomised Placebo Controlled Clinical Trials के जितने भी Standard Parameters हैं उन सबको 100% fullfill किया है इसकी सारी जानकारी हमने आयुष मंत्रालय को दे दी है.

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