नई दिल्ली/आर्ची तिवारी। पहली बार कोरोना वाइरस चीन के वुहान से निकला और पूरी दुनिया में तबाही मचा दी. सभी देश आर्थिक रूप से बहुत बुरी हालत में हैं, क्यूंकि लाॅकडाउन के चलते सभी सेक्टर बंद हैं. इन्हीं खराब परिस्थितियों के बीच रूस से एक अच्छी खबर आई है.
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रूस के वैज्ञानिकों का दावा है कि “इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसलेशनल मेडिसिन एंड बायोटेक्नोलॉजी” (Institute For Translational Medicine And Biotechnology) के निर्देशक ‘वादिम तरासोव’ ने किया है कि पहला ह्यूमन ट्रायल सेचनोव “फर्स्ट मास्को स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी” में सफलतापूर्वक पूरा किया जा चुका है. वादिम के मुताबिक उन्होंने 20 जुलाई के दिन सभी वाॅलेंटियर्स को छुट्टी दे दी थी.
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पीटीओआई के मुताबिक गेमली साइंटिफिक रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी के प्रोफेसर एलेक्जेंडर गेग्सबर्ग ने बताया कि शोधकर्ताओं ने ये टीका पहले खुद लगाने की कोशिश की थी. वहीं उन्होंने यह भी बताया कि इस वैक्सीन के अभी तक कोई साइडिफेक्टस नहीं देखे गए हैं. हालांकि, अभी उन्होंने ने वाॅलेटियर्स की संख्या का खुलासा नहीं किया है.