Site icon Pratibimb News

Nepal : भगवान राम पर नेपाल की हेकड़ी, उठाने जा रहा है ये बड़ा कदम!

नई दिल्ली/आशीष भट्ट। Nepal : नेपाल है कि मानता नहीं! कहा जाता है कि नेपाल से हमारा ‘बेटी और रोटी’ का रिश्ता है, लेकिन कहते हैं न ‘राजनीति न होती तो सब ठीक होता’, अब नेपाल लगातार कोई न कोई विवाद पैदा कर सुर्खियों में बना रहता है. कभी भारत की जमीन को नेपाल के नक्शे में दिखा कर, कभी भगवान राम पर अपना दावा बताकर.

ये भी पढ़ें Vastu Shastra: इस फल का सपना आने से कारोबार में मिलती है बड़ी कामयाबी

अभी हाल ही में नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने एक विवादित बयान देकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है.
दरअसल नेपाल के पीएम ने कहा कि भगवान श्री राम नेपाली थे वे नेपाल में पैदा हुए थे और असली अयोध्याा नेपाल में है. इस पर भारत सरकार ने कड़ी आप्पति दर्ज की थी.

नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली

मालूम हो कि नेपाल (Nepal) के प्रधानमंत्री के. पी. ओली ने एक अजीबोगरीब बयान देते हुए कहा था कि भारत ने सांस्कृतिक तथ्यों का अतिक्रमण किया है. हम आज तक समझते हैं कि हमारी सीता का विवाह भारतीय राम से हुआ था. जबकि राम की असली जन्मभूमि नेपाल ही है. इस पर नेपाल में विपक्षी नेताओं ने ओली की आलोचना की थी. विपक्षी नेताओं ने कहा था कि इससे भारत-नेपाल के संबंधों को नुकसान पहुंचेगा.

नेपाल के प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली के नेपाल के थोरी गांव को भगवान राम की असली जन्मभूमि बताने के बाद अब वहां के पुरातत्व विभाग को शोध की योजना बनाने को कहा है. सूत्रों की माने तो अब नेपाल का पुरातत्व विभाग बीरगंज के परसा जिले के थोरी गांव में खुदाई करने पर भी विचार कर रहा है.

ये भी पढ़ें कैसे इन घरेलू उपायों से हम सही कर सकते हैं डाइबिटीज की बीमारी

नेपाल के अखबार माइ रिपब्लिक के अनुसार, ओली के बयान के बाद अब नेपाली पुरातत्व विभाग स्टडी को लेकर तमाम मंत्रालयों के संपर्क में है.

ओली के बयान पर विवाद बढ़ने पर नेपाल के विदेश मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी किया था. इसमें कहा गया था कि ओली का बयान राजनीतिक नहीं था और किसी की भावनाओं को आहत करने का कोई मकसद नहीं था. स्पष्टीकरण में कहा गया था कि ओली के बयान के पीछे अयोध्या और उसके सांस्कृतिक महत्व को कम करने का कोई इरादा नहीं था.

हालांकि ओली के बयान के बाद भारत ने कड़ी आप्पति जताई थी उसके बाद नेपाल के विदेश मंत्रालय ने एक स्पष्टीकरण दिया था, उसमें कहा गया था कि ओली के बयान का कोई राजनीतिक अर्थ नहीं था, और किसी की भावनाओं को आहत करने का कोई मकसद नहीं था

Exit mobile version