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श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि, जानिए कौन थे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी

नई दिल्ली/आर्ची तिवारी। आज ही की तारीख 6 जून, 1901 में डाॅ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म हुआ था. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनको नमन किया. प्रधानमंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा कि “.डॉ। श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जयंती पर नमन. एक देशभक्त, उन्होंने भारत के विकास के लिए अनुकरणीय योगदान दिया. उन्होंने भारत की एकता को आगे बढ़ाने के लिए साहसी प्रयास किए. उनके विचार और आदर्श देश भर में लाखों लोगों को ताकत देते हैं.”

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डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी कौन थे?


डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी “भारतीय जनसंघ” के संस्थापक थे. इनका जन्म 6 जुलाई, 1901 को कलकत्ता में हुआ. वे बचपन से ही होनहार थे. श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक संपन्न परिवार से ताल्लुक रखते और पढ़ाई-लिखाई में कुशल थे. 1917 में मैट्रिक पास करने के बाद वे आगे की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड चले गए और वहां से बैरिस्टर बनकर लौटे. 33 वर्ष की अल्पायु में ही वे कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति बने और वे इस पद पर नियुक्ति पाने वाले सबसे कम आयु के कुलपति थे.

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श्यामा प्रसाद मुखर्जी का राजनैतिक सफर


श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने स्वेच्छा से फिर राजनीति में रूचि दिखाई और दाखिल हो गए. वे सिद्धांतवादी और खुले विचारों के थे. बंगाल में मुस्लिम लीग के द्वारा वहां के हिंदु समुदाय के लोगों को दबाया जा रहा था जो कि उनको बिल्कुल बर्दाश्त नहीं था. वे किसी धर्म विशेष की वजह से मुस्लिम लीग का विरोध नहीं कर रहे थे बल्कि दो समुदायों में मानसिक तनाव जो पैदा किया जा रहा था उसके विरोध में खड़े थे.

वे सभी को एक समान मानते थे और इस विचारधारा पर विश्वास भी करते थे.उन्हीं दिनों वह सावरकर से बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने उनका साथ चुना. गांधी जी और सरदार पटेल के अनुरोध पर वे भारत के पहले मन्त्रिमण्डल में शामिल हुए और उन्हें उद्योग जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गयी. पर उनके राष्ट्रवादी चिन्तन के चलते अन्य नेताओं से बराबर मतभेद बने रहे. आखिरकार, राष्ट्रीय हितों की प्रतिबद्धता को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता मानने के कारण उन्होंने मंत्रीमण्डल से इस्तीफा दे दिया. फिर कुछ समय बाद उन्होंने एक नई पार्टी बनायी जो उस समय विरोधी पक्ष के रूप में सबसे बड़ा दल बनकर उभरा. अक्टूबर, 1951 में भारतीय जनसंघ का उद्भव हुआ.

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