नई दिल्ली/दीक्षा शर्मा। (Rahasya) हिन्दू धर्म में आपने यह जरूर देखा होगा कि जब भी किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट केवल पुरुष जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं इसके पिछे क्या कारण है? कहा जाता है कि जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो शव के घर से बाहर निकलने के बाद पूरे घर को साफ किया जाता है, ऐसा इसलिए किया जाता है कि घर में कोई नकारात्मक माहौल ना रह जाए. इसलिए इस दौरान महिलाओं का घर में होना बहुत ज़रूरी होता है.
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महिलाओं का शमशान ना जाने का कारण यह भी कि औरत का दिल पुरुष के दिल से ज्यादा कोमल और नरम होता है. कहा जाता है कि अगर श्मशान घाट पर कोई रोता है तो जिस इंसान का दाह संस्कार हो रहा है उसकी आत्मा को शांति नहीं मिलती है.
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यह बात तो हम सब जानते हैं कि श्मशान घाट में आत्माएं वास करती है, और ज्यादातर आत्मा महिलाओं को ही अपना निशाना बनाती हैं. इसलिए भी महिलाओं को शमशान घाट नहीं जाने दिया जाता.
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हिंदू रीति रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले परिवार के सदस्ययों को अपने बाल मुंडवाने होते हैं. इस प्रथा से महिलाएं दूर रहें इसलिए उन्हें वहां जाने की अनुमति नहीं है.