नई दिल्ली/आर्ची तिवारी। उच्चतम न्यायालय की ओर से जगन्नाथ पुरी में होने वाली रथयात्रा को मंजूरी दे दी गई है. कोर्ट ने कहा कि रथयात्रा कुछ शर्तों के साथ ही संचालित होगी और इस पूरे कार्यक्रम में केन्द्र, राज्य एवं मंदिर कमेटी की भागीदारी सुनिश्चित की गई है. अगर किसी कारणवश राज्य सरकार को लगता है कि स्थिति बिगड़ रही है तो वे रथयात्रा को स्थगित कर सकते हैं. प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे ने पुरी रथ यात्रा के आयोजन को लेकर दायर याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई के लिए तीन न्यायाधीशों की पीठ का गठन किया था. वहीं कोर्ट ने कहा है कि यात्रा का आयोजन लोगों की सेहत के साथ समझौता किए बिना किया जाएगा.
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आपको बताते चलें कि कोर्ट ने 18 जून को हुई सुनवाई में रथयात्रा पर रोक लगा दी थी पर याचिकाओं को मद्देनजर रखते हुए न्यायमू्र्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने वकीलों को बताया कि प्रधान न्यायाधीश उन याचिकाओं पर सुनवाई के लिए तीन न्यायाधीशों के पीठ के गठन पर सहमत हैं जिनमें कुछ निश्चित शर्तों के साथ रथ यात्रा के आयोजन की अनुमति का अनुरोध किया गया है.
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न्यायाधीश अरुण मिश्रा के द्वारा गठित की गई न्यायाधीशों की पीठ से जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह रथयात्रा करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ी हुई है. संतों के अनुसार अगर यात्रा के शुभ समय पर श्री भगवान को नहीं निकाला गया तो 12 वर्ष तक बाहर नहीं निकला जाएगा.