वो मंदिर जहां भगवान को चढ़ाई जाती है झाड़ू. देखिए रहस्य

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नई दिल्ली/दीक्षा कुलश्रेष्ठ। आपने अक्सर देखा होगा कि शिव मंदिर में शिवलिंग पर जल, दूध, घी, दही इत्यादि चढ़ाई जाती हैं, लेकिन आपको जानकर बड़ी हैरानी होगी कि एक मंदिर ऐसा भी है जहां भक्त इन्हें ऐसी ऐसी चीज भेंट करते है जिनकी कल्पना कोई भी नहीं कर सकता है आज हम आपको ऐसे ही एक मंदिर के बारे में बता रहे है जहां भक्त भगवान शिव को चढ़ावे में झाड़ू चढ़ाते है और मान्यता है कि इस मंदिर में झाड़ू चढ़ाने से त्चचा के रोगों से निजात मिलता है यह प्राचीन मंदिर उत्तर प्रदेश के संभल स्थित सदातबदी गांव में स्थित है जिसे पातालेश्र्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है खास तौर से इस मंदिर में शिव जी को झाड़ू चढ़ाने के लिए सोमावार, शिवरात्री और सावन के महीनें में लंबी लाइन लगी रहती है और इस मंदिर के पुजारी का कहना है कि यह मंदिर करीब 150 साल पुराना है.

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क्यों चढ़ाते है झाड़ू

इस शिव मंदिर में झाड़ू चढ़ाने की यह प्रथा पुराने समय से चली आ रही है शिव जी को झाड़ू चढ़ाने के लिए लोग घंटों लाइन में खड़े रहते हैं और साथ ही इस मंदिर में दर्शन के लिए हजारों की तादाद में भक्त आते हैं ऐसी मान्यता है कि इस गांव में भिखारीदास नाम का एक व्यापारी रहता था जो बहुत धनी था लेकिन उस व्यक्ति को त्वचा संबंधी एक बड़ा रोग था. एक दिन वह इस रोग का इलाज कराने जा रहा था कि अचानक से उसे प्यास लगी.तब वह शिव जी के इस मंदिर में पानी पीने आया और वह मंदिर में झाड़ू लगा रहे महंत से टकरा गया जिसके बाद वह बिना इलाज के ही ठीक हो गया इससे खुश हो कर सेठ ने महंत को धन देना चाहा लेकिन महंत ने लेने से मना कर दिया इसके बदले महंत ने यहां मंदिर बनवाने के लिए कहा. तभी से ऐसा कहा जाने लगा कि इस मंदिर में झाड़ू चढ़ाने से त्वचा के रोगों से छुटकारा मिलता है और साथ ही लोगों की तकलीफ भी दूर हो जाती हैं इसलिए आज भी भक्त यहां आकर झाड़ू चढ़ाते हैं

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कहां मिलती है ये झाड़ू

अगर आप भी कुछ मनोकामना लेकर शिव जी के दर्शन के लिए पातालेश्र्वर शिव मंदिर जाना चाहते हैं तो आपको साथ में झाड़ू ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि आपको झाड़ू वहीं मंदिर परिसर में मिल जाएगी और साथ ही इस शिव मंदिर में दूर दूर से शिव भक्त अपनी मनोकामना ले कर आते हैं और खुश हो कर वापस जाते हैं.

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