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क्यों चढ़ाते हैं शिव लिंग पर दूध दही और बेलपत्र जानिए वैज्ञानिक कारण

नई दिल्ली/आर्ची तिवारी। अक्सर देखा जाता है कि शिव लिंग पर कई लोग जल, दूध, दही, घी और बेलपत्र चढ़ाते हैं. पर क्या आप जानते हैं कि शिव लिंग पर ये सभी चीजें क्यों चढ़ाई जाती है जिसको विज्ञान ने भी माना है. आईए आज हम शिव लिंग पर इस सभी चीजों के चढ़ाने का वैज्ञानिक आधार पर विश्लेषण करते हैं.

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वैज्ञानिक आधार पर क्यों चढ़ाना जरूरी है दूध दही


शोधकर्ताओं ने शिव लिंग के ऊपर कई वर्षों तक शोध किया है. जिसमें उन्होंने पाया है कि शिव लिंग का आकार बहुत ही ऊर्जावान होता है. शिव लिंग से निकलती ऊर्जा से वातावरण में बदलाव भी आ सकता है. इसीलिए इस पर लागातार ठंडी वस्तुओं को चढ़ाना अच्छा होता है. आप ने अधिकतर देखा होगा कि शिव लिंग पर जल, दूध, दही, शहद, घी, चंदन, और भस्म का लेप होता है और धतूरा, बेलपत्र, शमनी पत्र, भांग, धतूरे का फूल इत्यादि सब ठंडी वस्तुएं ही समर्पित की जाती हैं. यह सभी वस्तुएं बहुत ही ठंडी होती है जो उस शिवलिंग से निकलने वाली ऊर्जा को नियंत्रण में रखती है. बल्कि ज्यादातर शिवालयों में ऊपर एक पानी की मटकी भी रखी रहती है जिसमें से लगातार ठंडे पानी की बूंदें शिवलिंग के ऊपर टपकती रहती है. यह सभी चीजें जो हमारे वेदों, पुराणों में वर्णित हैं और इसको धार्मिक दृष्टि से देखते हुए करोड़ों भक्त इस सभी कर्मों का अनुसरण भी करते हैं, वास्तव में विज्ञान भी इन सभी रीतियों और नियमों को सुह्रद भाव से स्वीकार करता है. यह शोध अमेरिका की नासा (NASA) स्पेस एजेंसी के द्वारा किया गया था.

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धार्मिक दृष्टि कोण से


अभी तक तो विज्ञान के चश्मे से हम शिवलिंग पर दूध दही चढ़ाने की वजह जान रहे थे पर अब धार्मिक दृष्टि कोण से इसका क्या महत्व है ये भी समझते हैं.
अगर पौराणिक कथाओं के अनुसार देखा जाए तो समुद्र मंथन के दौरान जब हलाहल विष को शंकर जी ने अपने कंठ में धारण किया था तब उस विष का प्रभाव इतना था कि शिव जी के कंठ को भी नीले रंग का कर दिया. उस विष के कारण से शिव जी को जलन महसूस होती है जिसकी वजह से वह हमेशा ठंडी जगहों पर रहते हैं और ठंडी वस्तुओं का सेवन करना पसंद करते हैं. पौराणिक ग्रंथों में जल, दूध, दही, शहद, घी, चंदन,भस्म, धतूरा, बेलपत्र, शमनी पत्र, भांग, धतूरे का फूल इत्यादि सब ठंडी वस्तुओं को चढ़ाना ही श्रेष्ठ बताया गया है. इसी कारण से सभी भक्त कथानुसार शिवलिंग पर उनके मनपसंद वस्तुओं को चढ़ाते हैं और पूजन करते हैं.

शिवलिंग पर दूध, दही, शहद आदि चढ़ाना धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि दोनों से ही श्रेष्ठ बताया गया है और आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा (NASA) शिवा प्रोजेक्ट नामक एक रीसर्च पर लगी हुई है. दरअसल, पिछले दिनों नासा के वैज्ञानिकों ने स्पेस रीसर्च के दौरान एक शिव के रूप में आकृति देखी थी. कई बार तो त्रिशूल, हाथ आदि आकृतियां भी वैज्ञानिकों ने देखी हैं. इन्हीं सब आशंकाओं के चलते अमेरिका के वैज्ञानिक लगातार इस रहस्य की खोज में लगे हुए हैं.

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