नई दिल्ली/दीक्षा शर्मा। भारतीय संस्कृति चमत्कारों और रहस्य से भरपूर है. भारत में लाखों मंदिर है जिसमें से बहुत से मंदिर अपने चमत्कार और रहस्य के लिए प्रसिद्ध हैं. यह एक आश्चर्यजनक बात है कि भारत में स्थित करणी माता मंदिर (karni mata mandir) में लगभग 20 हज़ार से भी अधिक चूहे पाए जाते है. आपको इस मंदिर में कदम कदम पर चूहे मिलेंगे. यह कोई सामान्य चूहे नहीं, बल्कि मां के आशीष से मूषक जन्म पाने वाले चूहे है. यहां सबसे सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि यहां जो प्रसाद भक्तों को बांटा है वो इन चूहों का ही झूठा होता है. कहते है इस प्रसाद का सेवन करने के बाद कोई बीमारी भक्तों को नहीं लगती. लोगों को यह माता के चमत्कार लगता है.
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मंदिर का इतिहास
इस मंदिर का इतिहास कहता है की यह मंदिर (temple)राजपूत राजाओं ने 15 वीं शताब्दी में बनाया था. इस मंदिर के पीछे जुड़ी हुई कहानी प्रचलित है. कहते हैं कि माँ दुर्गा ने यहाँ एक चारण जाति के परिवार में कन्या के रूप में जन्म लिया और जोधपुर और बीकानेर पर शासन करने वाले राठौड़ राजाओं की आराध्य अपनी शक्तियों के कारण सब लोगों का भला करते लगी. मान्यता है की एक गाँव में जन्मी इस कन्या का असली नाम रिघुबाई था , पर लोग इनको माता के नाम से बुलाते थे और इनको पूजते थे. लोग इनको 6 साल की उम्र में ही माता के नाम से पूजने (worship) लगे.
माता करणी देवी चमत्कार
कहते हैं कि इस मंदिर में आपको भक्त से ज्यादा काले चूहे दिखाई देंगे. चूहे पूरे मंदिर प्रांगण में मौजूद रहते हैं. वे श्रद्धालुओं के शरीर पर कूद-फांद करते हैं, लेकिन किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते। कहां जाता है कि यहां चूहों को लोग चूहा नहीं, काबा कहते हैं. अगर माना जाता है. चूहों को भक्त बाकायदा दूध, लड्डू (milk , sweet )आदि परोसते हैं. और यह भी मानना है की कभी भी बिल्ली(cat) मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं करती हैं.
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काले चूहों का रहस्य
पूरे मंदिर परिसर में लगभग 25000 चूहे हैं. इन सभी को भी बड़ी आस्था के साथ पूजा जाता है. माना जाता है कि यह सभी चूहे माता करणी के वंशज हैं. इन काले चूहों के पीछे भी दो रहस्य भरी कथाएं सुनाई जाती हैं. पहली कथा के अनुसार कहा जाता है कि एक बार माता के पुत्र की अकाल मृत्यु हो गई थी. करणी माता ने अपनी तपस्या से यम देवता को प्रकट होने पर विवश कर दिया और पुत्र को पुन: जीवन देने की मांग करी. उसके बाद यम ने उनके पुत्र को चूहे के रूप में नया जीवन दान दिया. तब से चूहों को उनकी संतान माना जाता है. दूसरी कथा के अनुसार एक बार करणी माता के राज्य पर अन्य राज्य के हजारों सैनिकों ने हमला कर दिया. तब माता ने उन सभी सैनिकों को चूहे का रुप से दिया और अपनी सेवा में यहां रख दिया.
सफेद चूहों के दर्शन से मनोकामना पूर्ण
मंदिर में हजारों काले चूहों के दर्शन तो सभी भक्तों को होते ही हैं. कुछ भक्तों को भाग्यशाली भी माना जाता है जिन्हे सफ़ेद चूहों के दर्शन हो जाए. सफेद चूहों के दर्शन से भक्तों की मनोकामना जल्द पुरी होती है. कहते हैं कि उन भक्तों पर माता करणी की कृपा होती है.