नई दिल्ली/आर्ची तिवारी। कोरोना वाइरस ने दुनिया भर को परेशान करके रखा हुआ है. इसी बीच 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने खुला दावा किया है कि कोरोना वाइरस ने केवल छूने से फैलता है बल्कि हवा के माध्यम से भी कई लोगों को संक्रमित करने में सक्षम है. इन सभी वैज्ञानिकों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को चिट्ठी लिखकर कहा है कि कई जगह और कई बार बिना किसी स्पर्श के भी बहुत से लोग संक्रमित पाये गये हैं. इन सभी घटनाओं को देखते हुए (WHO) को अपनी जारी की गई गाइडलाइंस पर पुनर्विचार करना चाहिए और उसमें संशोधन की आवश्यकता है.
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(WHO) का क्या कहना है
(WHO) के तकनीकी प्रमुख डॉ बेनडाटा अलग्रांजी के अनुसार अभी तक (WHO) को कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं जिसके आधार पर वे अपनी गाइडलाइंस पर कोई संशोधन करें। (WHO) ने वैज्ञानिकों से कोरोना वायरस के हवा से फैलने की बात को सिद्ध करने के लिए ठोस सबूत मांगे हैं. जिसके आधार पर वह कुछ परिवर्तन ला सकें.
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दरअसल, वैज्ञानिकों ने हालही में कई ऐसे केसेज देखें हैं जो पूरी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के बावजूद भी कोरोना की चपेट में आ गए. वैज्ञानिकों का कहना है कि अब कोरोना वाइरस अपने विराट रूप में आ चुका है अब छींकने, खांसने और थूकने से निकले वाइरस हवा के कणों के साथ मिलकर लोगों को संक्रमित करते हैं. हवा में छींकने और खांसने से निकले छोटी छोटी बूंदों में वाइरस देर तक हवा में रहता है। इन सभी चीजों को देखते हुए आशंका है कि घर की चारदीवारी में कैद होने के बावजूद भी हम कोरोना से सुरक्षित नहीं हैं.