नई दिल्ली/दीक्षा शर्मा। Rahasya : विनम्रता को रेखांकित करने वाला यह मंत्र शायद अपने भी सुना होगा कि “पांचों देव रक्षा करें ब्रह्मा, विष्णु, महेश”….दरअसल, पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार देवताओं के आग्रह पर भृगु ऋषि ने तय किया कि प्रमुख त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश में कौन बड़ा है, इसका पता लगाया जाए. इसके बाद उन्होंने महादेव से उनकी बुराई कर सवाल किए तो भगवान महादेव ने उन्हें फटकार लगाई और तुरन्त वहां से जाने को कहा. जिसके बाद उन्होंने ब्रह्मा जी से भी इसी तरह प्रश्न किए तो ब्रह्मा जी ने भी क्रोध किया.
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उसके बाद भृग क्षीर सागर में शेषषायी भगवान विष्णु के पास भी गए. उन्होंने आक्रोशित होकर विष्णु के वक्षस्थल पर पैर से प्रहार किया. भगवान विष्णु ने ऋषि भृगु का चरण अपने हाथों में लिया और उनसे पूछा, “ऋषिवर, मेरा वक्षस्थल कठोर है. आपके कोमल चरण आहत तो नहीं हुए? इन्हें कोई चोट तो नहीं लगी? इसी कारण ऋषिवर भृगु ने भगवान विष्णु की विनम्रता और सहिष्णुता को देखते हुए उन्हें सर्वश्रेष्ठ देव की श्रेणी में रखा.
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