आखि़र क्यों कहा जाता है सरदार वल्लभ भाई पटेल को लोह पुरुष, जानिए

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सरदार वल्लभ भाई पटेल (फाइल फोटो)
सरदार वल्लभ भाई पटेल (फाइल फोटो)

नई दिल्ली/दीक्षा शर्मा। भारत को आज़ाद कराने के लिए सरदार पटेल ने जितना योगदान दिया वो कभी भुलाया नहीं जा सकता. आज़ादी के लिए हमारे सभी Freedom Fighters ने बहुत कठोर संघर्ष किया है. सरदार पटेल ने भारत की राजनीतिक इतिहास को बदल कर रख दिया. उन्होंने जितना योगदान हमारे देश को आज़ाद करने में दिया उससे कई ज्यादा योगदान उन्होंने स्वतंत्र भारत को जोड़ कर रखने में दिया था. सरदार पटेल नव भारत के निर्माता व राष्ट्रीय एकता के बेजोड़ शिल्पी थे. देश के लिए उनके हर एक योगदान को हमेशा याद किया जाएगा.

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565 रियासतों को जोड़ कर रखना

जब देश आजाद हुआ तो उस वक्त 565 रियासतें थीं. ब्रिटिश शासन द्वारा इन रियासतों के सामने विकल्प रखा गया कि वो भारत या पाकिस्तान में से किसी एक को चुन लें. समस्या ये थी कि कुछ रियासतें स्वतंत्र रहना चाहतीं थीं जबकि कुछ ऐसी थीं जो पाकिस्तान से काफी दूर होने के बावजूद उसका हिस्सा बनना चाहती थीं. लेकिन सरदार पटेल ने इस समस्या को सुलझाया. और ज्यादातर रियासतें भारत का हिस्सा बनने को तैयार हो गईं.

इसके अलावा जो नहीं हुईं उन्हें सैन्य कार्रवाई के जरिए देश में शामिल किया गया. बहरहाल, ये उनका लौह संकल्प ही था, और उन्होंने इसे पूरा किया. सिर्फ जम्मू-कश्मीर को लेकर कुछ सियासी गड़बड़ हुई और देश आज तक इसका भुगत रहा है.

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इसी के साथ जम्मू कश्मीर, हैदाराबाद और जूनागढ़ ऐसी रियासतें थीं जो अपनी स्वायत्तता की मांग लेने पर अड़ी हुई थी. लेकिन उन्होंने सेना भेज कर इन रियासतों पर अधिग्रहण कर लिया.

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