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कृषि बिल को लेकर भाजपा को बड़ा झटका, 24 साल पुराना अकाली दल का साथ छूटा

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नई दिल्ली/आशीष भट्ट। किसान बिल को लेकर एनडीए गठबंधन को बड़ा झटका लगा है, शिरोमणि अकाली दल ने एनडीए के साथ अपना नाता तोड़ दिया है, शिरोमणि अकाली दल एनडीए की पुरानी साथी रही है, लेकिन किसान बिल को लेकर पहले अकाली दल की हरसीमरत कौर बादल ने मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दिया और अब अकाली दल ने एनडीए से अपना समर्थन वापस ले लिया है. शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि “शिरोमणि अकाली दल की कोर कमेटी ने सर्वसम्मति से भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन से बाहर निकलने का फैसला किया है, क्योंकि केंद्र सरकार ने फसलों के एमएसपी और उनकी खरीद के लिए कानूनी गारंटी देने से इन्कार कर दिया था, भाजपा पंजाबी और सिख मुद्दों पर निरंतर असंवेदनशीलता दिखा रही है.”

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मोदी कैबिनेट से इस्तीफा देने वाली और अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि, “यदि तीन करोड़ पंजाबियों की पीड़ा और विरोध भी कठोर रुख को पिघलाने में विफल रहता है, तो यह वाजपेयी जी और बादल साहब द्वारा परिकल्पित एनडीए नहीं है, एक गठबंधन जो अपने सबसे पुराने सहयोगी की नहीं सुनता और राष्ट्र का पेट भरने वालों की तरफ नहीं देखता, तो यह पंजाब के हित में नहीं है.” आपको बता दें कि एनडीए एक विचार धारा का गठबंधन हैं जिसमें हर राज्य के वो दल जो बीजेपी की विचारधारा और नीतियों का समर्थन करते हैं वो शामिल हैं, अकाली दल के अलग होने से पहले शिव सेना ने भी एनडीए से नाता तोड़ दिया था, उससे भी पहले आन्ध्र प्रदेश की चंद्रबाबू नायडू की तेलगू देशम पार्टी भी एनडीए का हिस्सा थी लेकिन उसने भी एनडीए से नाता तोड़ दिया था.

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अकाली दल के अलग होने के बाद शिव सेना नेता संजय राउत ने कहा कि, NDA के मजबूत स्तंभ शिवसेना और अकाली दल थे, शिवसेना को मजबूरन NDA से बाहर निकलना पड़ा, अब अकाली दल निकल गया, NDA को अब नए साथी मिल गए हैं, मैं उनको शुभकामनाएं देता हूं, जिस गठबंधन में शिवसेना और अकाली दल नहीं हैं मैं उसको NDA नहीं मानता.

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कैसा रहा अकाली और बीजेपी का साथ

अकाली दल और भाजपा का साथ करीब 24 साल पुराना था और दोनो के बीच रिश्ते भी काफा मधुर थे, लेकिन कृषि बिल को लेकर, दोनो में दरार आई पहले उन्होंने कैबिनेट में पद छोड़ा और अब एनडीए का साथ छोड़ दिया, अकाली दल और भाजपा के बीच रिश्तों को राजनीतिक से ज्यादा सामाजिक सौहार्द के रूप में देखा जाता रहा है, पंजाब में अकाली – भाजपा का गठबंधन 1997 में ही हो गया था और करीब 22 साल पहले अकाली दल एनडीए का हिस्सा बना था.

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