नई दिल्ली/आशीष भट्ट। चीन के साथ लगातार तनातनी के बाद केंद्र सरकार चीन के खिलाफ आक्रामक रूख अपना रही है. अब मोदी सरकार चीन से कोरोबार शिफ्ट कर रही कंपनियों को लुभाने की कोशिश में है जिसका अच्छा परिणाम दिखता नजर भी आ रहा है, सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स से एपल इंक तक के असेंबली पार्टनर्स ने भारत में निवेश को लेकर दिलचस्पी दिखाई है. जिससे भारत को खासा मुनाफे का अनुमान है.
मोदी सरकार ने मार्च में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरर्स के लिए प्रोत्साहन पैकेज के रूप में पीएलआई स्कीम की घोषणा की है, इसके तहत भारत में निर्मित सामानों की वृद्धिशील बिक्री पर 4-6 प्रतिशत का प्रोत्साहन दिया जाएगा, इसका फायदा कंपनियां पांच साल तक उठा सकती हैं. 40,995 करोड़ रुपए की पीएलआई योजना का लक्ष्य मोबाइल फोन और इलेक्ट्रानिक कलपुर्जों के उत्पादन को बढ़ाना है. इसका परिणाम यह हुआ कि करीब दो दर्जन कंपनियों ने भारत में मोबाइल फैक्ट्री लगाने के लिए 1.5 अरब डॉलर निवेश करने का वादा किया है. सैमसंग के अलावा, होन हाई, प्रिसिजन इंडस्ट्रीज, विस्ट्रोन कॉर्प और पेगाट्रोन कॉर्प जैसी कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है.
गौरतलब है कि भारत इसी तरह दवा उद्योग के लिए भी प्रोत्साहन का ऐलान किया है और ऑटोमोबाल, टैक्सटाइल और फूड प्रोसेसिंग यूनिट के लिए भी इसी तरह की योजनाएं लाने की संभावनाए हैं.