नई दिल्ली/आशीष भट्ट। कोरोना संकट में जहां पूरा विश्व परेशान है वहीं धार्मिक स्थल भी इससे अछुते नहीं रहे सारे धार्मिक कार्यक्रमों में बाधा आ रही है. लेकिन कोरोना के इस दौर में सभी दिशा-निर्देशों के बीच आज से विश्व प्रसिद्ध भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शुरू हो रही है. लगभग तीन महीनों बाद के बाद स्थिति अब साफ हो गई है कि जगन्नाथ पुरी रथयात्रा होगी. 2500 साल से ज्यादा पुराने रथयात्रा के इतिहास में पहली बार ऐसा मौका होगा, जब भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकलेगी, लेकिन भक्त घरों में कैद रहेंगे.
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विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ पुरी रथयात्रा आज सुबह मंगल आरती और पारम्परिक विधि-विधानों के साथ शुरू हुई, पहंडी सुबह 7 बजे आरम्भ हुई, सुबह 10 बजे तक भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के विग्रह रथ पर आसीन किए जाएंगे. कोरोना को ध्यान में रखते हुए इस बार भीडभाड से बचने के लिए केवल चुने गए सेवादारों और पुलिस अधिकारियों को ही रथ खींचने की अनुमति दी गई है.
पुरी के जगन्नाथ मंदिर में रथयात्रा के लिए तैयारियां जोरों से चल रही हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कल कुछ प्रतिबंधों के साथ कोरोना वायरस महामारी के बीच वार्षिक रथ यात्रा को आयोजित करने की अनुमति दी है, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक 500 से अधिक लोगों को रथ खींचने की अनुमति नहीं होगी.
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आपको बता दें रथ यात्रा को लेकर रात पुरी में 41 घंटों का पूर्ण शटडाउन रहेगा. सभी एंट्री गेट बंद रहेंगे और आवाजाही पर भी पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा. ओडिशा के चीफ सेक्रेटरी असित त्रिपाठी ने बताया कि रथ यात्रा के दौरान कोरोना के मद्देनजर कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध रहेगा. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पुरी में रथ यात्रा से पहले हवाई अड्डा, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, हाईवे, सहित शहर में एंट्री के सभी रास्ते बंद कर दिए जाएं. तीनों रथ को खींचने के लिए प्रति रथ 500 से ज्यादा लोग नहीं होने चाहिए. रथ के बीच पर्याप्त दूरी भी रखी जाए.