भारत व नेपाल तीन दिशाओं से अपनी सीमा बांटते है,पश्चिम पूर्व और दक्षिण दोनों देशों के बीच 1808 किलोमीटर की सीमा है अब हम यह जान लें कि भारत-नेपाल सीमा का निर्धारण कब हुआ था बात है 1814 कि ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी तथा नेपाल के बीच युद्ध हुआ इसमें नेपाल की पराजय हुई इसके बाद नेपाल को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की शर्तें माननी पड़ी उसे कुमाऊं और गढ़वाल का भाग ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को देना पड़ा तथा सिक्किम से भी उसे पीछे हटना पड़ा इसके उपरांत 1816 में नेपाल और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच सुगोली की संधि हुई जिसमें भारत-नेपाल की सीमा निर्धारित की गई.
इसमें महाकाली नदी को दोनों देशों के बीच सीमा रेखा के रूप में रखा गया इसमें पूर्व का इलाका नेपाल का और पश्चिम का भारत का निर्धारित किया गया,परंतु 200 वर्षों बाद भी यह विवाद चर्चा का विषय बना हुआ है हाल की बात करें तो भारत सरकार द्वारा जारी किए गए नक्शे में कालापानी जगह को भारत का हिस्सा दिखाया गया है,जबकि नेपाल का मानना है कि यह भाग काली नदी के पूर्व में है इसलिए वह नेपाल का है.
साल 1962 से पहले या इलाका विवाद का विषय नहीं था पर भारत-चीन युद्ध के समय भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस ने काली नदी पार कर काला पानी में अपनी पोस्ट बनाई यह इलाका भौगोलिक दृष्टि से ऊंचाई पर है इसलिए इस इलाके में चीन को रोकना आसान था. तब से लेकर अब तक भारतीय सेना वही तैनात है हम जानते हैं कि नेपाल के साथ हमारी मैत्रीपूर्वक संबंध है और भारत सरकार को इन विवादों का निपटारा नेपाल सरकार के साथ सूझबूझ से तथा आपसी तालमेल से करना होगा जैसा कि हम पहले भी कई बार कर चुके हैं.
(यह लेखक के निजी विचार हैं)
सचिन भट्ट
Bsc 3rd year
L S M PG Pithoragarh