नई दिल्ली/दीक्षा शर्मा। मध्य प्रदेश के राज्यपाल और लखनऊ से पूर्व सांसद लालजी टंडन का 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया.लखनऊ के मेदांता में उनका इलाज चल रहा था. लालजी टंडन के निधन की जानकारी उनके बेटे और कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन ट्वीटर पर साझा की. आशुतोष टंडन ने ट्वीट कर लिखा “बाबू जी नहीं रहे”. आपको बता दें कि लालजी टंडन पिछले काफी वक्त से गंभीर रूप से बीमार चल रहे थे. और उनका इलाज़ लखनऊ के मेदांता में चल रहा था और वह 14 जून से अस्पताल में भर्ती थे. बताया जा रहा है कि वह ज्यादातर समय वह वेंटिलेटर पर ही रहते थे.
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लंबे समय से चल रहें थे बीमार
दरअसल, लालजी टंडन को 11 जून को सांस लेने में दिक्कत, बुखार और पेशाब में परेशानी की वजह से लखनऊ स्थित मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था. और कहा जा रहा है कि उनकी हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही थी. 13 जून को उनका ऑपरेशन भी किया गया था. हालत गंभीर होने की वजह से उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया.
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पीएम मोदी ने किया ट्वीट
लालजी टंडन के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर दुख व्यक्त किया. और उन्हें श्रद्धांजलि दी. उन्होंने लिखा “श्रीलाल जी टंडन संवैधानिक मामलों के अच्छे जानकार थे. उन्होंने अटल जी के साथ लंबे और करीबी संबंध का आनंद लिया. दुख की इस घड़ी में श्री टंडन के परिवार और शुभचिंतकों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं”.
राजनीतिक करियर
लालजी टंडन 1978 से 1984 और 1990 से 96 तक दो बार उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य रहे, 1991 से 92 की यूपी सरकार में वह मंत्री भी बने, इसके बाद लालजी टंडन 1996 से 2009 तक लगातार तीन बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे, 1997 में फिर से वह विकास मंत्री बने.बता दें कि लालजी टंडन लखनऊ से 15वीं लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं.