नई दिल्ली/ दीक्षा शर्मा। आमतौर पर पीरियड्स मिस होने पर सबसे पहले दिमाग में प्रेग्नेंसी का ख्याल आता है. लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है कि हर बार पीरियड्स प्रेग्नेंसी की वजह से ही मिस हो. पीरियड्स के दौरान महिलाओं को कितनी भी समस्या क्यों ना हो, लेकिन पीरियड्स ना होने पर उनकी टेंशन दो गुना हो जाती है. कहा जाता है कि महिलाएं महावारी का दर्द सहन कर सकती हैं लेकिन ना होने की टेंशन नहीं…प्रेग्नेंसी के अलावा कई और भी कारण होते हैं जिनसे पीरियड्स मिस हो जाते हैं.
डायबिटीज या थायरॉइड
पीरियड्स ना आना या देर से आने के पीछे डायबिटीज या थायरॉइड सबसे बड़ा कारण है. डॉक्टर्स के मुताबिक थायरॉइड की वजह से आपके पीरियड्स बेहद कम मात्रा में या बेहद ज्यादा मात्रा में भी आते हैं. इसके अलावा कभी कभी आपके पीरियड्स मिस भी हो सकते हैं.
डायबिटीज या थायरॉइड के कारण कभी कभी आपके पीरियड्स कई महिनों तो बंद भी हो जाते हैं और इसी को अमेनोरिया कहते हैं..अगर कभी भी आपके पीरियड्स मिस हो तो अपना थायरॉइड चेक करवाएं.
PCOD और PCOS
कई बार देखा गया है कि पीसीओडी की दिक्कत के कारण भी पीरियड्स मिस हो जाते हैं. इस समय अडिशनल फॉलिकल्स बन जाते हैं जिस वजह से पीरियड्स समय पर नहीं आते और उसकी प्रक्रिया भी लंबी हो जाती है.
तानव
जब आप जरूरत से ज्यादा स्टेस लेती हैं तो इसका असर आपके हॉर्मोन्स पर सकता है. जिसकी वजह से 2 पीरियड्स के बीच का गैप बढ़ जाता है. बता दें कि हमारे ब्रेन का हिस्सा हाइपोथैलमस जो पीरियड्स को रेगुलेट करने का काम करता है. तनाव की वजह से हार्मोन्स पर होने वाले बदलाव का असर पड़ता है.
गर्भ निरोधक गोलियां
अगर आप अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए पिल्स लेती हैं तो यह भी पीरियड्स ना आने का कारण बन सकता है. अगर आप पिल्स का सेवन करती हैं तो पीरियड्स आने की तारीख बढ़ सकती है.
मेनोपॉज
मेनोपॉज वह स्थिति है जब महिलाओं को पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं. इन समय शरीर में बहुत तेजी से हार्मोन्स में बदलाव होते हैं. आमतौर पर महिलाओं को 45 की उम्र के बाद मेनोपॉज होता है.