नई दिल्ली/आर्ची तिवारी। उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना संक्रमित के बिना लक्षणों वाले मरीजों को होम आईएस रिलेशन में रहने की मंजूरी दे दी है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत होम आइसोलेशन को मंजूरी दी है।
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शर्तों के मुताबिक होमा इस लेशन की अवधि 10 दिन की है और संक्रमित को हर दिन स्वास्थ्य विभाग को उसकी हालत की जानकारी देनी होगी।मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि होम आइसोलेशन में रहने की अनुमति इलाज करने वाला डॉक्टर ही दे सकता है।
होम आइसोलेशन में रहने की शर्तें
- मरीज को प्लस ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर, मास्क, ग्लव्स, सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन व प्रतिरोधक क्षमता की किट रखनी होगी।
- सेल्फ आइसोलेशन के लिए एक सहमति पत्र देना होगा और क्वॉरेंटाइन के लिए गाइडलाइंस का पालन करना होगा।
- आरोग्य सेतु एप हमेशा सक्रिय रखना होगा। दिन में दो बार इसकी सूचना अपडेट करनी होगी। स्मार्टफोन ना होने पर नियंत्रण कक्ष के फोन पर रोगी के स्वास्थ्य की जानकारी देनी होगी।
- स्वास्थ्य विभाग के आइसोलेशन ऐप को डाउनलोड करना होगा। अधिकारी को इसकी नियमित सूचना देनी होगी।
ऐसे मरीजों को नहीं मिलेगी होम आइसोलेशन की इजाजत
स्वास्थ्य विभाग के गाइडलाइंस के अनुसार ऐसे मरीजों को होम आइसोलेशन की सुविधा बिल्कुल नहीं दी जाएगी। जिनके शरीर में प्रतिरोधक क्षमता किसी कारण से जैसे एचआईवी अंग प्रत्यारोपण, कैंसर के कारण कमजोरी और अन्य बीमारी हो, जिससे कोविड-19 शरीर पर हावी हो सकता है, ऐसी स्थिति में मरीज़ को होम आइसोलेशन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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