सावन मास : जानें, भगवान शिव को क्यों प्रिय है श्रावण का महीना

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vastu shastra
भगवान शिव

नई दिल्ली/दीक्षा शर्मा। आज यानी 6 जुलाई से भगवान शिव का प्रिय महीना शुरू हो रहा है. सावन मास को सबसे पवित्र महीना माना जाता है. सोमवार का दिन पहले से ही भगवान शिव को समर्पित है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव श्रावण का महीना भगवान शिव को बेहद प्रिय है, इसलिए इस खास माह में भगवान शिव के भक्त उनकी उपासना करते हैं और इसके साथ ही मनोवांछित फल प्राप्त करते हैं. श्रावण का महीना आज(6 जुलाई) से शुरू हो रहा है जोकि 3 अगस्त तक रहेगा. कहते हैं कि को भी भक्त सचे मन से भगवान शिव की आराधना करते हैं उनकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं भगवान शिव को श्रावण का महीना ही क्यों पसंद है, और आखिर सोमवार को ही क्यों भगवान शिव का दिन माना जाता है?

इसलिए भगवान शिव को प्रिय है यह महीना

जैसा कि हम सब जानते हैं कि माता सती ने भगवान शिव को हर जन्म में अपने पति के रूप में पाने का प्रण किया, उसके लिए उनसे जो हुआ उन्होंने किया. अपने पति के अपमान के बाद उन्होंने अपने पिता राजा दक्ष के घर योगशक्ति से अपने शरीर का त्याग कर दिया था.
कहा जाता है कि इसके बाद माता सती ने हिमालय राज के घर पार्वती के रूप में जन्म लिया था. माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए पूरे सावन महीने में कठोरतप किया जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनकी मनोकामना पूरी की. और भगवान शिव और माता पार्वती ने विवाह रचा लिया. अपनी भार्या से पुन: मिलाप के कारण भगवान शिव को श्रावण का यह महीना अत्यंत प्रिय हैं. 

इतना महत्त्व क्यों है यह दिन

सोमवार को भगवान शिव की पूजा करने की परंपरा काफी समय पुरानी है. पुरातन काल से ही लोग इस दिन शिव की पूजा करते आए हैं. मान्यताओं के मुताबिक कहते हैं कि भगवान शिव ने इसी महीने में समुन्द्र मंथन निकले विष का पान किया था. इसके अलावा यह भी मान्यता जोड़ी जाती है कि सावन के महीने में पहली बार भगवान शिव अपने ससुराल पृथ्वी लोक आए थे. जहां अभिषेक कर उनका स्वागत हुआ था इसलिए इस माह में अभिषेक का महत्व भी बताया गया हैं.

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