नई दिल्ली/आशीष भट्ट। महाराष्ट्र से एक बड़ी खबर आ रही है, दरअसल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उनके बेटे आदित्य ठाकरे और एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले पर चुनाव आयोग को गलत जानकारी देने के आरोप लगे हैं, सीएम उद्धव ठाकरे, उनके बेटे आदित्य ठाकरे और एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं, दरअसल तीनों पर चुनावी हलफनामे में संपत्ति और देनदारी की गलत जानकारी देने का आरोप लगा है चुनाव आयोग ने इसके खिलाफ शिकायतों की जांच CBDT को सौंप दी है.
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सूत्रों के मुताबिक, उद्धव ठाकरे, सुप्रिया सुले और आदित्य ठाकरे के खिलाफ शिकायतों को चुनावी पैनल की प्रशासनिक समीक्षा पर आधारित जांच के लिए भेजा गया है, चुनाव आयोग को कार्रवाई के लिए सीबीडीटी जांच का इंतजार है, अगर नेताओं पर लगाए गए आरोप सही पाए जाते हैं तो रिप्रजेटेंशन ऑफ पीपल ऐक्ट की धारा 125 ए के तहत सीबीडीटी केस दर्ज कर सकता है, इस सेक्शन के तहत अधिकतम 6 महीने की जेल या जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं.
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क्या होता है चुनावी हलफनामा
चुनाव के दौरान जो भी उम्मीदवार चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें चुनाव आयोग को चुनावी हलफनामे के जरिए अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि, संपत्ति, देनदारी और शैक्षिक योग्यता का ब्योरा देना होता है, 2013 में चुनाव आयोग ने फैसला किया था कि हलफनामे में लिखी उम्मीदवारों की संपत्ति और देनदारी को सीबीडीटी वेरिफाइ करेगा. इसलिए अब यह मामला सीबीडीटी के हवाले कर दिया है अगर यह आरोप सही साबित होते हैं तो चुनाव आयोग बड़ी कार्रवाई कर सकता है, इसमें 6 महीने की जेल और जुर्माना या दोनों हो सकती है.