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पौराणिक दृष्टि से औरतों की मांग में सिंदूर लगाना क्यों शुभ बताया गया, आईए जानते हैं वैज्ञानिक कारण

नई दिल्ली/आर्ची तिवारी। सनातन धर्म के अनुसार सुहागिन स्त्रियों को मांग में सिंदूर लगाना अनिवार्य होता है। पर क्या आप जानते हैं ऐसा क्यूं होता है? तो आइए आज हम आपको वैज्ञानिक और पौराणिक कारण दोनों से संबंधित जानकारी प्राप्त कराएंगे।

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वैज्ञानिक आधार पर सिंदूर क्यों लगाना चाहिए

विज्ञान कहता है कि स्त्रियों के मस्तिष्क का मध्य भाग बहुत कोमल होता है, वहीं सिंदूर या कुमकुम में अधिक मात्रा में ऊर्जा होती है जो सिर के मध्य में लगने से मस्तिष्क को शक्ति मिलती है। सिंदूर के लगने से मस्तिष्क में गर्मी आती है और ऊर्जा का संचार एवं संग्रह होता है। इसी कारण से सुहागिन स्त्रियों को मांग में सिंदूर और कुमारी लड़कियों को कुमकुम का टीका अपने माथे पर जरुर लगाना चाहिए।

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पौराणिक ग्रंथों के अनुसार

सिंदूर लगाने का प्रचलन श्री राम की पत्नी देवी सीता के द्वारा शुरू हुआ था। वे हमेशा से अपने मांग में लाल सिंदूर भरती थी जिससे उनके शरीर की ऊर्जा हमेशा सुरक्षित रहती थी। वे पतिव्रता नारी होने के साथ साथ काफी तेजवान भी थी। इतने परिश्रम के बाद भी उनके अन्दर से तेज कभी भी कम न होता था। इन्हीं गुणों को देखते हुए सभी स्त्रियों ने भी मांग और माथे पर सिंदूर धारण करना शुरू कर दिया। उस समय से आजतक यह मान्यता है कि जो भी अपनी मांग में सिंदूर धारण करता है और अपने पति पर समर्पित होता है उस नारी का सौभाग्य अखण्ड ज्योति के समान प्रज्वलित रहता है।

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