नई दिल्ली/दीक्षा कुलश्रेष्ठ। मैगी (Maggi) हर घर में बनती है आप लोगों में से शायद ही कोई ऐसा हो जिसने मैगी (Maggi) न खाई हो, मैगी (Maggi) को हर घर में पसंद किया जाता है. तो आज हम आपको maggi से जुड़े कुछ किस्से बताएंगे जो शायद आपको भी न पता हो. जिसे आप भूख लगने पर बस 2 मिनट में बना लेते हैं क्या आप इसके इतिहास के बारे में जानते हैं क्या आप जानते हैं कि मैगी के पीछे 123 साल की एक कहानी है अगर नहीं तो कोई बात नहीं आज हम आपको मैग्गी के इतिहास के बारे में बताएंगे.
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भारत में Maggi की शूरूआत
1983 में नेस्ले इंडिया लिमिटेड ने मैगी को भारत में लॉन्च किया था, उस समय भारत के साथ साथ कई और देशों की भी पसंद थी, सबसे पहले मैगी (maggie) को 1897 में जर्मनी में पेश किया गया था इस देश में भी इसे मैगी के नाम से ही पेश किया गया था
जूलियस माइकल जोहानस मैगी
यही वो शख्स हैं जिन्होनें हमारे लिए मैगी को बनाने की शुरूआत की थी सीधे शब्दों में कहा जाए तो मैगी बनाने का पूरा श्रेय जूलियस माइकल जोहानस (Julius Michael Johannes) को जाता है और साथ ही इस नाम के पीछे भी एक कहानी है कि उन्हीं के नाम मैगी से ही नूडल्स का नाम मैगी(maggie)रखा गया.
कैसे बनी मैगी
माइकल जोहानस का जन्म स्विट्जरलैंड में 8 अक्टूबर 1946 में हुआ था ये ज्यादा अमीर नहीं थे उन्होनें फूड प्रोडक्शन में भी काम किया शुरूआत में उन्होंने प्रोटीन से भरपूर खाना और रेडीमेट सूप बनाना शुरू किया और जल्दी ही मार्केट में पहचान बना ली, फिर कुछ समय बाद ये काम भी चलना बंद हो गया फिर उसके बाद उन्होंने बाजार में आटे के प्रोडक्ट बना कर बेचना शुरू किया लेकिन उनका ये बिजनेस भी ठप हो गया इसके बाद उन्होंने कुछ ऐसा सोचा कि वो कुछ ऐसा बनाएंगे जो कम वक्त में बन जाए जिससे लोगों के पास समय ना हो तो वह जल्दी बना कर खा सकें और उसके बाद जोहानस कुछ ऐसा ही बनाने में लग गए और काफी मेहनत के बाद उन्हें मैगी(maggie)बनाने में सफलता मिली.
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मैगी बनाने के कुछ समय तक तो मैगी को पसंद नहीं किया गया था लेकिन कुछ समय बाद धीरे धीरे अलग अलग जगहों पर मैगी की एक अपनी अलग पहचान बन गई वो मैगी के आलावा भी कई तरह के फ्लेवर वाले सूप भी बाजार में लेकर आए.