इस कारण अंगेजी नहीं बोल पाते खेसारी लाल यादव, खुद भोजपुरी सुपरस्टार ने बताया एक किस्सा

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नई दिल्ली/ दीक्षा शर्मा। बिग बॉस सीजन 13 के कंटेस्टेंट्स रहे खेसारी लाल यादव किसी भी परिचय के मोहताज नहीं हैं. खेसारी जी अक्सर सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं. खेसारी लाल यादव ने आज जो भी मुकाम हासिल किया है वो सिर्फ अपने दम पर रह कर किया . अपने दमदार अभिनय और संगीत के कारण लाखों फैंस बनाए हैं. खेसारी लाल यादव सोशल मीडिया पर बेबाकी के साथ अपनी बात रखते हैं. आप लोगों ने आमतौर पर खेसारी जी को भोजपुरी और हिंदी में बात करती हुए देखा होगा , ऐसा इसलिए क्योंकि खेसारी जी को इंग्लिश में बात करनी नहीं आती . यह बात हम नहीं खुद खेसारी जी ने एक इंटरव्यू के दौरान बताई है.

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एक वेब पोर्टल को दिए इंटरव्यू के दौरान खेसारी जी से इंग्लिश भाषा को न जानने को लेकर सवाल किया गया. खेसारी लाल यादव ने इस सवाल के जवाब में कहा की हां उन्हें अंग्रेजी भाषा नहीं आती है लेकिन उन्हें गर्व है कि फिर भी वह सभी लोगों के प्यारे हैं.

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आगे खेसारी कहते हैं कि, ‘yes, no, very good इन्हीं कुछ शब्दों पर मैं 10 सालों से अग्रेंजी भाषा को खींच रहा हूं. मुझे ठीक से अंग्रेजी नहीं आती जिसके चलते थोड़ी बहुद दिक्कत तो है लेकिन ठीक है आप लोगों का प्यार मिलता है भोजपुरी में मुझे वह काफी है. ’ खेसारी ने मजाकिया अंदाज में कहा कि अगर मैं अग्रेंजी भाषा को सीखने के लिए क्रैश कोर्स भी करता हूं तो उसको करने में भी मुझे 9 महीने से ज्यादा लगेंगे.

खेसारी ने कहा, ‘मैं यह नहीं कह रहा हूं कि आप अग्रेंजी भाषा मत पढ़िये. अगर आप लोगों के पास क्षमता है तो आप पढ़ाई के माध्यम से अपने परिवार का नाम रोशन करें. मेरे पास ऐसा करने की औकात नहीं थी की मैं स्कूल तक जा सकूं. फिर भी हमारे पापा ने हमारे लिए बहुत कुछ किया है और मैं उनका धन्यवाद करता हूं . वह अकेले कमाने वाले थे जिसके चलते हम सातों भाइयों को थोड़ा-थोड़ा ही पढ़ा सके थे. मेरा मन पढ़ाई में कम लगता था और फिर जब मैने गाना गाने की शरुआत की तो मैं किताबों से दूर हो गया. उस समय मेरे लिए अग्रेंजी भाषा सीखने से ज्यादा यह जरूरी था कि अपने जीवन से गरीबी को कैसे हटाया जाए.

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जानकारी के लिए बता दें कि खेसारी लाल यादव का बचपन काफी गरीबी में गुजरा था. खेसारी छपरा (बिहार) के रसूलपुर चट्टी धनाड़ी गांव के साधारण से परिवार में जन्मे थे. इसके अलावा खेसारी जी पुरी तरह स्कूली शिक्षा भी नहीं ले पाएं थे. खेसारी जी बताते हैं कि मैने करीब 10 सालों तक दूध बेचने का काम किया था. इसके बाद वह दिल्ली आकर पत्नी के साथ लिट्टी चोखा की रेहड़ी भी लगाया करते थे. खेसारी ने अपनी कड़ी मेहनत के दम पर इंडस्ट्री में काफी नाम कमाया और फिर कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा. और अब उनका इंडस्ट्री में एक अलग ही नाम है और यह नाम कमाने में उन्होंने बहुत मेहनत की है.

एक वेब पोर्टल को दिए इंटरव्यू के दौरान खेसारी जी से इंग्लिश भाषा को न जानने को लेकर सवाल किया गया. खेसारी लाल यादव ने इस सवाल के जवाब में कहा की हां उन्हें अंग्रेजी भाषा नहीं आती है लेकिन उन्हें गर्व है कि फिर भी वह सभी लोगों के प्यारे हैं.

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आगे खेसारी कहते हैं कि, ‘yes, no, very good इन्हीं कुछ शब्दों पर मैं 10 सालों से अग्रेंजी भाषा को खींच रहा हूं. मुझे ठीक से अंग्रेजी नहीं आती जिसके चलते थोड़ी बहुद दिक्कत तो है लेकिन ठीक है आप लोगों का प्यार मिलता है भोजपुरी में मुझे वह काफी है. ’ खेसारी ने मजाकिया अंदाज में कहा कि अगर मैं अग्रेंजी भाषा को सीखने के लिए क्रैश कोर्स भी करता हूं तो उसको करने में भी मुझे 9 महीने से ज्यादा लगेंगे.

खेसारी ने कहा, ‘मैं यह नहीं कह रहा हूं कि आप अग्रेंजी भाषा मत पढ़िये. अगर आप लोगों के पास क्षमता है तो आप पढ़ाई के माध्यम से अपने परिवार का नाम रोशन करें. मेरे पास ऐसा करने की औकात नहीं थी की मैं स्कूल तक जा सकूं. फिर भी हमारे पापा ने हमारे लिए बहुत कुछ किया है और मैं उनका धन्यवाद करता हूं . वह अकेले कमाने वाले थे जिसके चलते हम सातों भाइयों को थोड़ा-थोड़ा ही पढ़ा सके थे. मेरा मन पढ़ाई में कम लगता था और फिर जब मैने गाना गाने की शरुआत की तो मैं किताबों से दूर हो गया. उस समय मेरे लिए अग्रेंजी भाषा सीखने से ज्यादा यह जरूरी था कि अपने जीवन से गरीबी को कैसे हटाया जाए.

जानकारी के लिए बता दें कि खेसारी लाल यादव का बचपन काफी गरीबी में गुजरा था. खेसारी छपरा (बिहार) के रसूलपुर चट्टी धनाड़ी गांव के साधारण से परिवार में जन्मे थे. इसके अलावा खेसारी जी पुरी तरह स्कूली शिक्षा भी नहीं ले पाएं थे. खेसारी जी बताते हैं कि मैने करीब 10 सालों तक दूध बेचने का काम किया था. इसके बाद वह दिल्ली आकर पत्नी के साथ लिट्टी चोखा की रेहड़ी भी लगाया करते थे. खेसारी ने अपनी कड़ी मेहनत के दम पर इंडस्ट्री में काफी नाम कमाया और फिर कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा. और अब उनका इंडस्ट्री में एक अलग ही नाम है और यह नाम कमाने में उन्होंने बहुत मेहनत की है.

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