सावन स्पेशल : जानिए कहां-कहां हैं भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग

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भगवान शिव

नई दिल्ली/आशीष भट्ट। भगवान शिव का पवित्र महिना सावन चल रहा है. लोग भगवान शिव की आराधना में लगे हैं. वैसे तो हर सोमवार भगवान शिव का दिन माना जाता है लेकिन सावन के सोमवार खास माने जाते हैं भक्त लोग भगवान शिव को खुश करने के लिए सोमवार का व्रत रखते हैं शिव की पूजा करते हैं. ऐसे में आज हम आपको भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग के बारे के बताएंगे.

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सोमनाथ ज्योतिर्लिंग
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भारत का ही नहीं बल्कि इस पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्तिथ है. शिव पुराण के अनुसार जब चंद्रमा को दक्ष प्रजापति ने क्षय रोग होने का श्राप मिला था, तब चंद्रमा ने इसी स्थान पर तपस्या कर इस श्राप से मुक्ति पाई थी. ऐसी मान्यता है कि इस शिवलिंग की स्थापना स्वयं चंद्रदेव ने की थी.

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग आन्ध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के तट पर श्री शैल नाम के पर्वत पर स्तिथ है. इस मंदिर का महत्व भगवान शिव के कैलाश पर्वत के समान कहा गया है. अनेक धार्मिक शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से सारे पाप धुल जाते हैं.

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के उज्जैन नगरी में स्तिथ है. महाकाल ज्योतिर्लिंग की विशेषता है कि ये एक मात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है. यहां प्रतिदिन सुबह की जाने वाली भस्म आरती विश्व भर में प्रसिद्ध है. बाबा महाकाल की पूजा विशेष से जीवन पर आए संकट टल जाते हैं.

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के शहर इंदौर के पास है. यह ज्योतिर्लिंग नर्मदा नदी के किनारे स्तिथ है. पहाड़ों के चारों और नदी के बहने से यहां ऊं का आकार बनता है. यह ज्योतिर्लिंग ऊं का आकार लिए हुए है इसलिए इसे ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग कहा जाता है.

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केदारनाथ ज्योतिर्लिंग
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड में स्तिथ है, केदारनाथ समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊंचाई पर स्तिथ है. ऐसी मान्यता है कि यह ज्योतिर्लिंग भगवान शिव को अधिक प्रिय है. केदारनाथ का वर्णन शिव पुराण में देखने को मिलता है.

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्तिथ है, यह ज्योतिर्लिंग मोटेश्वर महादेव के नाम पर भी जाना जाता है. इस ज्योतिर्लिंग में प्रतिदिन सुबह सूर्योदय के बाद पूजा करने से सात जन्म के पाप दूर हो जाते हैं और उसके स्वर्ग के द्वार खुल जाते हैं.

काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग
काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग विश्व के सबसे पुराने शहर काशी में बसा है, काशी उत्तर प्रदेश में स्तिथ है जिसे हम वाराणसी के नाम से भी जानते हैं. ऐसे मान्यता है कि काशी स्वयं भगवान के त्रिशुल पर टिकी है. काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग अपने आप में काफी महत्व रखता है.

त्र्यबकेश्वर ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिले में स्तिथ है. यह ज्योतिर्लिंग गोदावरी नदी के करीब है. इस ज्योतिर्लिंग के पास में ब्रह्मागिरि नाम का पर्वत है और इसी पर्वत से गोदावरी नदी शुरू होती है.

बैघनाथ ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग झारखंड में स्तिथ है, इस ज्योतिर्लिंग को सभी ज्योतिर्लिंग में 9वें स्थान पर बताया गया है.

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नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग गुजरात के द्वारिका में स्तिथ है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव को नागों के देवता के रूप में माना जाता है. नागेश्वर का पूर्ण अर्थ नागों का ईश्वर है और भगवान शिव का अन्य नाम नागेश्वर भी है.

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु राज्य में स्तिथ है. यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक होने के साथ साथ यह चार धामों में से एक है. ऐसी मान्यता है कि इसकी स्थापना स्वयं भगवान राम ने की थी.

घृष्णेश्वर मंदिर ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र में स्तिथ है, यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से अंतिम ज्योतिर्लिंग है. ऐसी मान्यता है कि दर्शन मात्र से आत्मिक शांति मिलती है. इस ज्योतिर्लिंग के पास बौध भिक्षुओं द्वारा निर्मित एलोरा की गुफाएं भी है.

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