जब 800 भेड़ें लेकर चीन दूतावास पहुंच गए थे अटल बिहारी वाजपेयी

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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (फाइल फोटो)
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली/ दीक्षा शर्मा। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर कई बार तनातनी हो चुकी है और बीतें पिछले दो महीनों से सीमा विवाद को लेकर तनाव जारी है. इसके अलावा 1962 में दोनों देशों के बीच एक युद्ध भी हो चुका है. जिसमें भारत को हार का सामना करना पड़ा था.

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चीन ने भारत पर लगाया था चोरी का आरोप

1962 के युद्ध के बाद 1965 में चीन ने भारत सरकार को एक चिठ्ठी लिखी और आरोप लगाया कि भारतीय सैनिकों ने उसकी 800 भेड़ें और 59 याक चुराए हैं. इतना ही नहीं साथ ही यह भी कहा कि अगर सारे भेड़ वापिस नहीं दिए गए तो भारत परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें.

800 भेड़ संग चीन दूतावास पहुंचे वाजपेयी

दरअसल, उस समय वाजपेई जनसंघ के सदस्य थे. और चीन के इस आरोप पर अटल बिहारी वाजपेई करीब 800 भेड़ों के साथ चीनी दूतावास पहुंच गए और भेड़ों के गले में तख्ते थे जिनपर लिखा था, ‘हमें खा लें, लेकिन दुनिया को बचा लें.’

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भारत ने दिया करारा जवाब

अटल जी के इस कदम से चीन इस कदर बोखला गया कि उसने तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को चिट्ठी लिखी और कहा कि यह चीन का अपमान है और शास्त्री जी पर आरोप लगाया कि इस विरोध प्रर्दशन में उनका समर्थन है. इसके जवाब में शास्त्री जी ने लिखा कि कुछ नागरिकों ने दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया है लेकिन इसका सरकार से कोई लेना देना नहीं है. यह लोगों का चीन के खिलाफ शांतिपूर्वक प्रदर्शन था

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