नई दिल्ली/ दीक्षा शर्मा। यह तो हम सभी जानते हैं कि भगवान गणेश शंकर- पार्वती के पुत्र हैं. लेकिन क्या आप जानते है गणेश भगवान माता लक्ष्मी के दत्तक-पुत्र’ भी हैं. इसी से जुड़ी पौराणिक कथाओं में एक कथा प्रचलित है. कहा जाता है कि एक बार माता लक्ष्मी को खुद पर अभिमान हो गया था क्योंकि पूरा संसार उनकी पूजा अर्चना करता था. और उनको प्रसन्न करने के लिए सभी भक्त दिन रात उनकी अर्चना करते थे.
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भगवान विष्णु ने बताई थी कमी
उनका घमंड भगवान विष्णु को सही नहीं लगा. और उनके अहंकार को ध्वस्त करने के उद्देश्य से माता लक्ष्मी से कहा कि ‘देवी भले ही पूरा संसार आपकी पूजा करता है और आपको पाने के लिए व्याकुल रहता है किन्तु आपमें एक बहुत बड़ी कमी है. आप अभी तक अपूर्ण हैं. उसके बाद विष्णु जी ने उनसे कहा कि ‘जब तक कोई स्त्री मां नहीं बनती तब तक वह पूर्णता को प्राप्त नहीं करती. आप नि:सन्तान होने के कारण अपूर्ण है.
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माता लक्ष्मी को सुनाई थी अपनी पीड़ा
यह सब जानकर माता लक्ष्मी बहुत दुखी हुई और माता पार्वती को अपनी पीड़ा बताई. उसके बाद माता पार्वती ने अपने दोनों पुत्रों में से गणेश को उनकी गोद में रख दिया और कहा माता लक्ष्मी का दु:ख दूर करने के उद्देश्य से पार्वती जी ने अपने पुत्र गणेश को उन्हें गोद दे दिया. और तभी से भगवान गणेश माता लक्ष्मी के ‘दत्तक-पुत्र’ माने जाने लगे. गणेश को पुत्र रूप में पाकर माता लक्ष्मी अतिप्रसन्न हुईं और उन्होंने गणेश जी को यह वरदान दिया कि अब से पूरा संसार मेरे साथ तुम्हारी भी पूजा करेगा. यहीं कारण है कि माता लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की भी पूजा की जाती है.
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