नई दिल्ली/ दीक्षा शर्मा। भारतीय हिन्दू धर्म में पूजा पाठ को लेकर कई सारी मान्यताएं प्रचलित है. पूजा पाठ में नारियल को बहुत पवित्र माना जाता है. हर तरह की पूजा या शुभ कार्य के आरम्भ के इसका प्रयोग होता है. रक्षाबंधन से लेकर तिलक और शादी तक में, गृह प्रवेश से लेकर बिजनेस के उद्घाटन तक में इसका उपयोग किया जाता है. इसके अलावा नारियल में बने तीन आंखों को शिव के त्रिनेत्र माना जाता है. महिलाओं को नारियल फोड़ने का अधिकार नहीं दिया गया है. यह विशेषाधिकार विशेष रूप से पुरुषों के लिए ही सीमित रखा गया है. क्या आपने कभी सोचा है ऐसा क्यों होता है?
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तो इसलिए नहीं फोड़ती महिलाएं नारियल
दरअसल, कहा जाता है कि परंपरागत रूप से नारियल को नई सृष्टि का बीज माना गया है. नारियल को बीज का स्वरूप माना गया है. इसकी कथा ब्रह्मऋषि विश्वामित्र द्वारा नई सृष्टि के सृजन करने से जुड़ी हुई है. कथाओं के अनुसार तब उन्होंने सर्वप्रथम पहली रचना के रूप में नारियल का निर्माण किया, यह मानव का ही प्रतिरूप माना गया था.
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नारियल को बीज का स्वरूप माना गया है और शुरुआत से ही इसे उत्पादन से जोड़कर देखा गया है.स्त्रियां संतान उत्पत्ति की कारक होती हैं इसी कारण उनके लिए नारियल को फोड़ना एक वर्जित कर्म माना जाता है.
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