Rahasya : भगवान कृष्ण ने क्यों धारण किया था मोरपंख मुकुट,जानिए

0
228
Rahasya

नई दिल्ली/दीक्षा शर्मा। (Rahasya) भगवान कृष्ण को मुकुटधारी कहने के पिछे यह कारण बताया जाता है कि वह अपने मुकुट पर हमेशा मोरपंख लगाते थे. कई पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि भगवान कृष्ण को मोरपंख अधिक प्रिय थे. कहते हैं कि प्रभु को इस मोरपंख से इतना लगाव था कि उन्‍होंने इसे अपने श्रृंगार का हिस्‍सा बना लिया था. माना जाता है कि माता यशोदा बचपन से ही भगवान कृष्ण को मोरपंख लगाया करती थी. बड़े होने के बाद श्रीकृष्ण स्वयं भी इसे अपने मुकुट पर सजाते रहे हैं. मोरपंख धारण करने के पीछे कई तरह की कहानियां प्रचलित हैं…

ये भी पढे़ं Rahasya: क्या था वह श्राप जिस कारण समुन्द्र का पानी हो गया था खारा, जानिए पौराणिक कथा

ऐसा कहा जाता है कि मोरपंख राधा के प्यार की निशानी है ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसी मान्यता है कि श्रीकृष्ण जब राधा के संग मुरली बजा कर नृत्य किया करता थें. तब सभी मोर भी उनके संग नृत्य करते थे. ऐसे में मोरपंख टूट के गिरने पर राधा श्रीकृष्ण के मुकुट पर लगा दिया करती थी.

ये भी पढे़ं क्या आप जानते हैं सीता स्वयंवर में भगवान राम द्वारा तोड़े गए “शिव धनुष” का रहस्य, पढ़िए

कई ज्योतिष विद्वान मानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण ने यह मोरपंख इसलिए धारण किया था क्योंकि उनकी कुंडली में काल सर्प दोष था. मोर पंख धारण करने से यह दोष दूर हो जाता है, लेकिन जो जगत पालक है उसे किसी काल सर्प दोष का डर नहीं.

ये भी पढे़ं इसलिए नहीं करनी चाहिए कुंवारी लड़कियों को शिवलिंग की पूजा, जानिए धार्मिक कारण

विद्वानों के अनुसार भगवान श्री कृष्ण को मोर पंख प्रिय होने का एक यह कारण भी हो सकता है की वे अपने मित्र और शत्रु में कोई भेद नहीं करते थे, वे दोनों के साथ समान भावना रखते थे.अतः श्री कृष्ण मोर का पंख अपने मुकुट में लगाकर यह संदेश देते है की वे सभी के प्रति समान भावना रखते है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here